रात, आप सोच रहे होंगे आखिर इस रात में क्या है बात,

किसी के लिए पूरे दिन की थकान मिटाने का समय, तो किसी के लिए दिन भर घर वालो से दूर रहने के बाद रात में उनके साथ वक्त बिताने का कीमती पल,
किसी के लिए अंधेरा तो किसी के लिए आने वाली सुबह की रोशनी से पहले का इंतज़ार,
किसी के लिए सोचने का समय तो किसी का नींद लेने और खूबसूरत सपनो में खोने का पल, हर किसी की जिंदगी में रात की कीमत उतनी ही होती है जितनी दिन की, रात भी उतना ही जरूरी है जितना सुबह की रोशनी,
अगर सोचे कि क्या होता, अगर रात ही न होता, सारे वक्त हम रोशनी में होते तो शायद हम परेशान हो जाते, और हम निर्धारित ही नही कर पाते कि कौन सा काम कब करना है,
रात की ठंडी ठंडी हवा, चांदनी रात तारो से भरा आसमान और अपनों का साथ, फिर तो न जाने क्या होगी बात,

रात और शहर में जलती हुई लाइट का अनोखा ही रिश्ता है, अंधेरे रात में जब गली चौराहे की बत्ती जलती है चारो ओर एक अलग ही खूबसूरती बिखर जाती है।।

रात में जब चाँद अपनी रोशनी तारो के साथ मिलकर बिखेरता है तो प्राकृति की ये खूबसूरती देखने लायक होती है।।
तो हुआ न रात सबके लिए खास।।

सही कहा आप ने
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Thanku
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