वो देर रात का साथी भी,
वही तो सुबह का पहला साथ है,
बारिश में भीगने के बाद जो सुकून दे,
शर्दियों में वही गर्म सा एहसास है,
अकेले में है मेरा साथी,
और वही तो महफ़िलो की जान है,
न जाने क्यों सब उसे पसंद करते है,
न जाने उसमे क्या अलग सी खास बात है,
लबो को मेरे जब वो छुए,
गर्म सा एहसास है,
घंटो बैठ जिसके साथ वक्त का पता भी न चले,
वो ऐसा खास है,
किसी से वो भेदभाव नही करता,
सबके लिये वो एक समान है,
मीठी सी है बोली उसकी,
मीठा सा ही उसका स्वाद है,
परायो को भी अपना बना ले,
क्या कहू कितना वो लज़ाब है,
अब और क्या कहु,
क्या है मेरी उसके बारे में राय
नाम बता दु क्या उसका,
तो सुनो वो है मेरी मीठी सी चाय।।

👌😃
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