चुभ जाती है मेरी बातें लोगो को
क्या करूँ मुझे झूटी तारीफ करना नही आता,
तोड़ दू रिश्तों को इतनी आसानी से,
ऐसा मुझसे नही होता,
तकलीफ देती है जो बातें मुझे
उन बातों को ही भुला दू ये हो नही सकता,
गलत देख कर भी चुप रहू,
ये मेरे जमिर को नही भाता,
चुभ जाता हूँ सुई की तरह,
क्योंकि मुझे झूटी तारीफ करना नही आता।।

Hamare sath bhi asa he hota he
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Hann
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Haa
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