सुबह के करीब 8बज रहे थे, उसकी नींद किसी अलार्म ने नही खोला था, उसकी नींद पूरी भी हुई थी रात वो शायद देर से सोई थी, वैसे वो रोज 7 बजे तक तो उठ जाती थी, तो आज वो थोड़ा परेशान थी जल्दी जल्दी वो तैयार हुई तब तक लगभग 9:30 हो चुका था, तैयार होते होते उसने महसूस किया कि, शायद कही कुछ अच्छा खाना बन रहा है, जब वो किचन में पहुची तो उसे पता चला कि जो खुसबू उसे आ रही थी वो तो उसके ही घर के किचन की थी, यहां तो नास्ता तैयार जैसे उसी के आने का इंतजार कर रहा था, वो एक टक खड़ी हो के देखती हुए किसी और दुनिया मे चली गई थी, वो दुनिया उसके स्कूल कॉलेज के दिनों का कैसे वो लेट होते रहती थी, और माँ उसके लिए अच्छा अच्छा खाना बनाती थी, वो ये सोच ही रही थी तब में और आज में कोई परिवर्तन तो आया ही नही है, बस तब वो स्कूल कॉलेज जाती थी और आज आफिस, आज भी माँ उसका उतना ही ख्याल रखती है उतने ही प्यार से खाना बनाती है , तभी उसे पीछे से एक आवाज आई और वो होश में आई,
पति पीछे से आवाज देते हुए आज कितना लेट हो गया देखो माँ ने सबके लिए नास्ता भी बना लिया,
तभी माँ पास आई और कहा जाओ बेटा नास्ता कर लो लेट हो जाओगी, कभी कभी लेट हो जाता है परेशान मत हो मैंने नास्ता बना लिया है, उसने माँ को गले लगाया।।
ये उसका मायका नही था, ये उसका ससुराल है लेकिन उसने कभी ये महसूस ही नही किया कि ये उसका मायका नही ससुराल है ,माँ (सासु माँ ) ने उसे कभी ये महसूस होने दिया ही नही,
ना ही उसने कभी ये महसूस होने दिया की ये उसका ससुराल है।।
कुछ रिश्ते सच मे ऐसे ही होते है जिसे देख कर ये बताना आसान नही होता कि वो रिश्ता आखिर है क्या।।
बहुत ही सादगी से एक अच्छी कहानी के ज़रिए एक अच्छा संदेश दिया हैं । बहुत अच्छा ।।
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Thanku ♥️
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Nice thought…..,..
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Thanku
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Tarif karu kya uski jisne apne ap ko is kabil banaya h
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Bohot hi achha
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Thanku 😇✍️
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Thanku 😇😇
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