गुजरे हुए कुछ वक्त को मैंने सम्भाल कर रखा है
कुछ सूखे हुए गुलाब की पंखुड़ियों को याद की तरह किताब में सजा कर रखा है

कुछ अरमान दिल के दिल में ही छुपा कर रखा है
कुछ गुजरे वक्त को मैंने सम्भाल कर रखा है
सपनो को अपने सिरहाने में सजा रखा है
अपनो को अपने दिल मे बसा रखा है
ख्वाहिशो का समंदर मन में बसा रखा है
कुछ गुजरे वक्त को मैंने सम्भाल कर रखा है
कुछ अपनो को अपना बना कर रखा है।।

Wow
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Thanku 😍😘❤️
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